एक सज्जन व्यक्ति हाथी के कैम्प के पास से गुजर रहे था, और उन्होंने देखा कि वह जितने भी हाथी थे उनको न किसी पिंजरे में बंद किया था एवं न ही किसी बड़ी जंजीर से बांध रखा था।
सब हाथी एक एक छोटी सी रस्सी से पैर से बंधे हुए थे जिसको वो अपने बल से कभी तोड़ सकते थे लेकिन वो ऐसे ही खड़े थे।
वह आदमी ये देख के आश्र्यचकित हो गया की आखिर हाथी क्यों भाग नहीं जाते जबकि वे आसानी से ऐसा कर सकते थे, लेकिन इसके बजाय, उन्होंने बिल्कुल भी कोशिश नहीं की।
जिज्ञासु और उत्तर जानने के इच्छुक, उन्होंने पास के एक हाथी के प्रशिक्षक से पूछा कि हाथी बस वहाँ क्यों खड़े थे और उन्होंने कभी भागने की कोशिश नहीं की।
प्रशिक्षक ने उत्तर दिया : जब वे बहुत छोटे थे, तो हम उन्हें बांधने के लिए इस ही आकार की रस्सी का उपयोग करते हैं क्युकी छोटी उम्र में, उन्हें पकड़ने के लिए पर्याप्त है। जैसे-जैसे वे बड़े होते हैं, उन्हें विश्वास होता है कि वे कभी भी उस रस्सी की तोड़ नहीं सकते, इसलिए वे कभी भी भागने की कोशिश नहीं करते हैं।
हाथियों के रस्सी तोड़ने की कोशिश नहीं करने और वहां से भागने का एकमात्र कारण यह था कि समय के साथ उन्होंने इस विश्वास को अपनाया कि यह संभव नहीं था।
कहानी का मोरल :
दुनिया आपको कितना भी पीछे करने की कोशिश करे, हमेशा इस विश्वास के साथ बने रहें कि आप जो हासिल करना चाहते हैं, वह संभव है। यह विश्वास करना कि आप सफल हो सकते हैं, वास्तव में इसे प्राप्त करने का सबसे महत्वपूर्ण कदम है।
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