कछुए और खरगोश की मोटिवेशनल कहानी | बच्चों की खरगोश एवं कछुए वाली स्टोरी | बच्चों की कहानी

khargosh and kachua

एक बहुत बड़ा जंगल था जंगल में बहुत सारे जानवर और पंछी रहते थे । 

उसी जंगल में एक खरगोश भी रहता था और हम सब जानते हैं कि खरगोश बहुत तेज दौड़ता है।

खरगोश को अपनी दौड़ को लेकर बहुत घमंड था जब भी किसी जानवर से मिलता था, हमेशा दौड़ के लिए शर्त लगाता था।

एक दिन की बात है, उसने एक कछुए को देखा और देख कर उस पर हंसने लगा। कछुए ने जब पूछा कि क्या हुआ तो खरगोश ने बोला कि तुम्हारी चाल तो देखो।

फिर खरगोश कछुए को दौडने के लिए शर्त लगाने को कहता है, लेकिन कछुआ मना कर देता है।

लेकिन खरगोश के बार बार कहने पर कछुआ दौड़ के लिए मान जाता है।

खरगोश ने पूरे जंगल में उछल उछल कर सब जानवरों को बता दिया कि वह कछुए के साथ दौड़ लगाने वाला है।

आखिर वह दिन आ ही गया जिस दिन कछुआ और खरगोश दौड़ लगाने वाले थे।

सारे जानवर कछुए पर हँसने लगे कछुआ बिना किसी की बात को सुनें चुपचाप खड़ा था।

जैसे ही दौड़ शुरू हुई खरगोश बहुत तेजी से भागने लगा, कछुआ धीरे धीरे चलने लगा।

दौड़ बहुत लंबी थी इसलिए कछुआ लगभग आधी दौड़ भागने के बाद एक तालाब के पास पानी पीकर आराम करने लगा।

थोड़ी देर आराम करने के बाद खरगोश खड़ा होकर फिर से दौडने लगा और लगभग दौड़ खत्म होने के कुछ समय पहले ही रुक गया और सोचा कि कछुआ तो अभी तक बहुत पीछे होगा इसलिए थोड़ा आराम कर लेता हूं इसलिए एक पेड़ के नीचे फल खाकर आराम करने लगा लेकिन उसे नींद आ गई।

कछुआ धीरे-धीरे चलते हुए आ रहा था उसने देखा कि खरगोश सो रहा है, वो बिना आवाज किए खरगोश के पास से निकलते हुए मंजिल तक पहुंच गया।

जब खरगोश की आंखें खुली तो उसने पीछे देखा तो उसे लगा की खरगोश बहुत पीछे होगा इसलिए हंसते हुए फिर से दौड़ने लगा।

जैसे ही वह अपनी मंजिल पर पहुंचा तो उसने देखा कि कछुआ उसका इंतजार कर रहा है।

कछुए के साथ जंगल के बाकी सब जानवर भी थे खरगोश को आते देख सब हंसने लगे।

खरगोश की बहुत बेइज्जती हुई।

कहानी से हमें क्या सीख मिलती है: 

कभी भी खुद के ऊपर घमंड नहीं करना चाहिए और कभी भी किसी को भी कम नहीं आंकना चाहिए।

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