श्रीकांत बोला (नेत्रहीन) का जीवन परिचय | Srikanth bolla - blind man biography in Hindi

Srikanth Bola


अंधेपन के साथ जन्मे श्रीकांत के माता-पिता को सलाह दी गई कि वे उसे एक अनाथालय में छोड़ दें। आज वे सौ करोड़ का कारोबार करने वाले उद्योगपति हैं।

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श्रीकांत बोला कौन है?, जन्म, उम्र, परिवार (Who is Srikanth bolla, birthday, age and family)

  • नाम (Name) - श्रीकांत बेला
  • जन्मदिन (Birthday) - 7 जुलाई 1992
  • उम्र (Age) - 30 साल (2022 तक)
  • पिता (Father) - दामोदर राव
  • माता (Mother) - वेंकटम्मा
  • धर्म (Religion) - हिंदू

श्रीकांत का जन्म 1992 में आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम के सीतारामपुरम गांव में एक किसान परिवार में हुआ था, जब उनकी आंखें अलग दिखी तो डॉक्टर से जांस कराई तो पता चला कि वो देख नहीं सकता। 

उस समय कोई सोच भी नहीं सकता था, कि श्रीकांत एक दिन दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक से शिक्षा प्राप्त करने के लिए अभूतपूर्व ऊंचाइयों तक पहुंचेंगे , और एक अच्छे उद्योगपति बनने से पहले ही सौ करोड़ का कारोबार करेंगे और सैकड़ों लोगों को रोजगार देंगे। 

सफलता का मार्ग उनके अंधेपन और संसाधनों की कमी के कारण संघर्षों से भरा था।

दृष्टिबाधित जन्मे श्रीकांत के माता-पिता को लोगो एवम् परिवार के कुछ लोगो द्वारा सलाह दी गई कि वे उसे एक अनाथालय में छोड़ दें। कुछ ने तो उसके माता-पिता को बच्चे को मरने देने की सलाह भी दी।

बचपन से ही शिक्षकों और समाज ने बहुत नजरअंदाज किया । उसे स्कूल की कक्षा में सबसे पीछे बैठाया गया और अदृश्य होने का एहसास कराया गया।

लेकिन उनके माता-पिता ने अपने बेटे के लिए सभी के साथ हो रहे अन्याय एवम् भेदभाव के लिए लड़ाई लड़ी।

श्रीकांत ने बताया, "मेरे माता-पिता, दामोदर राव और वेंकटम्मा बहुत परेशान हो गए थे कि उनका बच्चा अंधा पैदा हुआ है, लेकिन हर स्तर पर, जब से उन्होंने मुझे ग्रामीण क्षेत्र के एक स्कूल में दाखिला करवाया, उन्हें व्यवस्था से लड़ना पड़ा। अपनी शिक्षा के दौरान हर स्तर पर चुनौतियों का सामना करने के बावजूद मुझमें हमेशा कुछ अलग करने की ललक थी।”

पढ़ाई, स्कूल, यूनिवर्सिटी (Shrikant bola study)

उन्हें विज्ञान (Science) का अध्ययन करने का अधिकार नही दिया गया था, इसलिए यह अधिकार अर्जित करने के लिए सरकार से संघर्ष करना पड़ा। 

छह महीने के इंतजार के बाद, उन्हें अपने जोखिम पर विज्ञान का अध्ययन करने की अनुमति दी गई। लेकिन श्रीकांत ने 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 98 फीसदी अंक हासिल कर सभी की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। फिर भी, समाज ने उसकी क्षमता पर विश्वास करने से इनकार कर दिया, सबको लगा की यह हो ही नही सकता। 

अपनी प्री-यूनिवर्सिटी परीक्षा पूरी करने के बाद, श्रीकांत ने IIT में प्रवेश लेने को सोची, जिसके लिए उन्होंने कोचिंग लेने की सोची, जो कि कठिन जेईई प्रवेश परीक्षा को क्रैक करने के लिए आवश्यक होती है, लेकिन कोचिंग संस्थानों द्वारा अस्वीकार कर दिया गया ।

पहला भारतीय नेत्रहीन छात्र (First Indian Blind Student)

बार बार कोशिश के बाद किसी भी कोचिंग ने एडमिशन नही दिया। इतनी असफलताओं के बाद, श्रीकांत ने प्रतिष्ठित एमआईटी (MIT), यूएस-आधारित शीर्ष प्रौद्योगिकी स्कूलों में आवेदन किया और एमआईटी में न केवल पहले भारतीय नेत्रहीन छात्र बन गए, बल्कि यूनिवर्सिटी के पहले अंतर्राष्ट्रीय नेत्रहीन छात्र भी बन गए। 

अच्छे मार्क्स से पढ़ाई पूरी करने के बाद, श्रीकांत के पास अमेरिका में रहने और एक आरामदायक जिंदगी बनाने का मौका था। 

लेकिन उनका दिल वापस आने और अपने देश और अपने देशवासियों के लिए कुछ करने का ठान रखा था, इसलिए वह अपने देश भारत वापस आ गए।

बॉलेंट इंडस्टरीज (Bollant industries)

श्रीकांत ने 2012 में अपनी कंपनी, बोलेंट इंडस्ट्रीज की स्थापना की। उनकी प्रतिभा और उद्यमिता के प्रति जुनून को रतन टाटा ने देखा, जिन्होंने श्रीकांत को न केवल सलाह दी, बल्कि उनकी कंपनी में निवेश भी किया।

बोलेंट इंडस्ट्रीज, जो पैकेजिंग के प्रोडक्ट्स बनाती है, तेजी से बढ़ती गई। लगभग 20% मासिक औसत वृद्धि के साथ, कंपनी ने 2018 तक 150 करोड़ रुपये का कारोबार किया।

श्रीकांत की इंडस्ट्रीज में 5 मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हैं, और 650 से अधिक लोगों को रोजगार मिलता है, जिसमें लगभग आधे लोग अलग-अलग डिसेबिलिटी वाले है।

फोर्ब्स 30 अंडर 30 एशिया लिस्ट (Forbes 30 under 30 Asia list)

2017 में, श्रीकांत को फोर्ब्स 30 अंडर 30 एशिया सूची में नामित किया गया था, जिसमे केवल तीन भारतीय थे। 

उन्होंने ने सीआईआई इमर्जिंग एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर 2016, ईसीएलआईएफ मलेशिया इमर्जिंग लीडरशिप अवार्ड जैसे कई अन्य सम्मान जीते हैं।

Srikanth bolla with APJ Abdul Kalam

2006 में, वह एक भाषण के दौरान भारत के पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा संबोधित किए जा रहे छात्रों में से थे। मिसाइल मैन के सवाल पर कि 'आप जीवन में क्या बनना चाहते हैं?', श्रीकांत बोला ने जवाब दिया था, "मैं भारत का पहला नेत्रहीन राष्ट्रपति बनना चाहता हूं"।

श्रीकांत बोला मोटिवेशन स्पीच (Srikanth Bolla Quote)

मैं अपना जीवन समुदाय और समाज सेवा के लिए समर्पित करना चाहता हूं। मैं समाज में एक ऐसी जगह चाहता हूं जहां लोग मुझे एक आदर्श और महान नेता के रूप में देखें। एक ऐसे देश में जहां लगभग 2.21% आबादी विकलांग है, श्रीकांत बोला सभी बाधाओं के खिलाफ प्रेरणादायी सफलता के प्रतीक और उदाहरण हैं।


FAQ

Q. 1. श्रीकांत बोला कौन है?

Ans - दृष्टिहीन उद्योगपति


Q. 2. श्रीकांत बोला कम्पनी ?

Ans - बॉलेंट इंडस्ट्रीज 


Q. 3. बॉलेंट इंडस्ट्रीज के CEO कौन है?

Ans -  श्रीकांत बोला

2 टिप्पणियाँ

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  1. While growing up, Srikanth realized that nothing could be achieved easily. But what he knows, if one is determined to accomplish something, no power in the world could stop you. Fighting for what he deserves, he made clear to everyone that being visually impaired could not hold him back. He inspires the world by his entrepreneur story of inspiration showing, despite his hardships, he offered help to people whom society often overlooks.

    https://www.drilers.com/post/srikanth-bolla-the-blind-man-behind-brighter-future

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