बायजू रवींद्रन जिनको लगभग हर कोई जानता है, उनके नाम से नहीं लेकिन उनके स्टार्टअप "बायजू: द लर्निंग एप" नाम से।
वह पूरे भारत में एंड दुनिया में भी कहीं जगह इसी नाम से जाने जाते हैं।
आज हम इस मोटिवेशनल कहानी में यह जानेंगे कि कैसे बायजू रवींद्रन एक कोचिंग टीचर से अरबपति बन गए? वह भी सिर्फ एक स्टार्टअप के जरिए।
Byju: the learning app को लगभग आज हर कोई जानता है।
बच्चे से लेकर बड़ों तक लेकिन क्या तुम जानते हो कि यह इस मुकाम तक कैसे पहुंचा इसके पीछे की कहानी क्या है?
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केरल के कन्नूर जिले के अझीकोड गांव में 1981 में जन्मे थे।
उनकी शुरुआती पढ़ाई इसी गांव में एक मलयालम मीडियम स्कूल में हुई।
उसी स्कूल में उनके माता-पिता भी पढ़ाते थे।
पढ़ाई के साथ-साथ उनकी खेलकूद में भी बहुत ज्यादा रुचि थी।
अपना ग्रेजुएशन पुरा करने के बाद उन्होंने इंग्लैंड की एक शिपिंग कंपनी में इंजीनियर के रूप में काम करना शुरू कर दिया।
एक बार छुट्टियों में वह भारत आए और उनके दोस्तों के कहने पर उन्होंने उनके साथ मिलकर IIM एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी करना शुरू किया , एग्जाम में उन्होंने 100% नंबर लाए।
उनको लगा कि कोई तुक्का लग गया है इसलिए उन्होंने फिर से एग्जाम दिया इस बार भी इन्होंने 100% नंबर लाए।
उन्होंने IIM ज्वाइन नहीं किया और उसके लिए क्लासेस लेना शुरू कर दिया।
जब क्लासेस में छात्र बढ़ने लगे तो उन्होंने 2005 में इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़कर कोचिंग क्लास चालू कर दिया।
बायजू रवींद्रन की पत्नी:
- दिव्या गोकुलनाथ
बायजू कोचिंग क्लास:
शुरुआत में रविंद्र छोटे-छोटे छात्रों के ग्रुपों को कोचिंग देते थे लेकिन धीरे-धीरे छात्र बढ़ते गए ।
एक बार तो इतने छात्र हो गए थे कि उन्हें स्टेडियम में पढ़ाना पड़ा था।
2006 में जब से उन्होंने कोचिंग क्लास शुरू की उनके छात्रों की संख्या लगभग 50 थी।
लेकिन 2011 तक छात्रों की संख्या बढ़कर 1000 से ज्यादा हो गई थी।
इसी बीच वह अलग-अलग शहरों में जाकर भी क्लास लेते थे।
2009 में उन्होंने CAT के लिए वीडियो क्लासेज भी लेना शुरू कर दिया था।
ऑनलाइन एक अच्छा रिस्पांस मिलने के बाद उन्होंने 2011 में Think & Learn नाम से स्टार्ट ऑफ शुरू किया।
Think & Learn, Byju: the leaning app की पैरंट कंपनी है।
बायजू: द लर्निंग एप्प लॉन्च:
2015 में उन्होंने अपनी ऐप बायजू द लर्निंग एप लांच किया जोकि जबरदस्त पॉपुलर हुआ।
इसकी पॉपुलरिटी का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं, कि सिर्फ 7 साल में ही बायजू रवींद्रन अरबपति बन गए।
बाईजू एप में 2020 के अंत तक लगभग 7 करोड़ सब्सक्राइबर है, और यह बढ़ते ही जा रहे हैं।
बायजू एप क्या है?
इस ऐप में किंडर गार्डन से लेकर 12th तक के बच्चों के पढ़ाई की सारी सामग्री उपलब्ध है।
इसमे बहुत ही अच्छे तरीके से समझाया गया है।
इसके अलावा अगर आप इंजीनियरिंग या मेडिकल की भी प्रैक्टिस करना चाहते हैं तो इसकी ट्रेनिंग उपलब्ध है।
हालांकि इसमें कुछ पढ़ाई की सामग्री फ्री में है।
लेकिन बहुत सी पढ़ाई के लिए हमें पैसा देना होता है जोकि स्कूल की ट्यूशन से बहुत कम है।
भारत की सबसे बड़ी एजुकेशन ऐप:
बायजू लर्निंग एप भारत की सबसे बड़ी एजुकेशन एप्लीकेशन है।
इस ऐप के जरिए लगभग हर रोज लाखों भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं।
2019-2020 में लॉकडाउन के समय Byju’s का पूरा रेवेन्यू लगभग दो गुना होकर 2800 करोड़ डॉलर हो चुका था।
इसको देखते हुए 2020 सितंबर में बाहर की कंपनियों ने और भारत की कंपनियों ने बाईजू में 1 अरब डॉलर का निवेश किया।
जिसकी वजह से बाईजू 10 अरब डॉलर की कंपनी बन गई जोकि अपने आप में एक बहुत बड़ी कीमत होती हैं।
बायजू रवींद्रन की कुल संपत्ति:
सितंबर 2020 तक रविंद्रन की कुल संपत्ति 17695 करोड़ थी और इसी वजह से वह फॉर्च्यून की ’40 अंडर 40′ लिस्ट में आ गए।
रविंद्रन ने बता दिया कि ऑनलाइन एजुकेशन में भी सक्सेसफुल बन सकते हैं और कैसे ऑनलाइन एजुकेशन को बहुत आगे तक ले जा सकते हैं।
बायजू रविंद्रन 2020 की लिस्ट में भारत के 46th सबसे अमीर इंसान बन गए।
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