Photo credit : instagram @saddam_dd3
सद्दाम स्टंटमैन
उनकी जिंदगी में बहुत मुसीबतें आयी लेकिन फिर भी डांस से उनको कोई अलग नहीं कर पाया।
हमारे देश में स्टन्टमैन को कोई नहीं जानता एवं ना कोई उनकी परवाह करता है की उनकी जिन्दी हमेशा खतरों में रहती हैं।
इस मोटिवेशनल कहानी में हम उनकी जिंदगी के बारे में जानेंगे जो उन्होंने खुद कही है।
उनके माता-पिता उनको गणपति में नृत्य करने के लिए ले जाते थे , इसी दौरान नृत्य के लिए उनका जुनून शुरू हुआ।
उनकी कहानी सुनकर सबकी आंखें नम हो गईं, जब सद्दाम ने कहा कि उनके पिता को कैंसर हो गया था. जब वो पांचवी कक्षा में थे। उनके पिता लोगों के घरों की दीवारों पे रंग लगाने का काम किया करते थे।
सद्दाम कहते हैं कि जब तक पिता थे , सब कुछ सही था, सब कुछ ठीक था। वह और उसके भाई-बहन पढ़ाई करते थे। मतलब उन्हें कोई भी सपना देखने की आजादी थी और उसे पूरा करने की हिम्मत भी थी। क्योंकि पिता के साथ रहना जिंदगी ज्यादा आसान लगती थी।
सद्दाम ने आगे कहा कि जब अचानक पिता बीमार हो गए और उनकी मृत्यु हो गई। फिर उनके जाने के बाद सब कुछ खत्म हो गया। तब सद्दाम को एहसास हुआ कि परिवार की जिम्मेदारी लेना उसका काम है।
उनका परिवार बहुत बड़ा क्युकी परिवार में कुल मिलाकर 11 लोग हैं। सद्दाम कहते हैं कि मेरे जीवन में इतनी जिम्मेदारियां हैं कि उन्हें जीवन में अपने लिए कुछ भी करने की कोई इच्छा नहीं है। पहले वह एक डांसर बनना चाहते थे, लेकिन वर्तमान में सद्दाम स्टंटमैन के रूप में काम कर रहे है।
स्टंटमैन हीरो को हीरो बनाता है
सद्दाम डांसर एवं स्टन्टमैन
अपने वीडियो में, सद्दाम कहते हैं कि वह चाहते हैं कि लोग कहें कि सद्दाम एक अच्छे कोरियोग्राफर हैं जब वह फिल्म के सेट पर जाते हैं। एक अच्छा डांसर है। डांस दीवाने ने मुझे यहां आकर डांस करने का मौका दिया है। मुझे ऐसा लगता है कि मेरे पूरे जीवन में पहली बार मैं जो चाहता था वह हो रहा है।
इस कहानी से हमे सिख मिलती है की जिंदगी में कितनी भी परेशानिया क्यों ना हो हमेशा वो करना चाहिए जिसमे तुम्हे महारत हासिल हो एवं परेशानियो से घबराना नहीं चाहिए।
यह कहानी हम सद्दाम जैसे सब स्टन्टमैन की डेडिकेट करते हैं।